सुरेन्द्र प्रसाद गिरि
बारा,जेष्ठ २७

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महागढ़ीमाई नगरपालिका, भाषा आयोग काठमांडू, नेपाल भोजपुरी प्रतिष्ठान बारा के सौजन्य से तांत्रिक संत कवि भिनकराम के इयाद कइलें —जनता -जनार्दन आ भक्त लोग।
अवसर पर नेपाल के बारा जिला महागढ़ीमाई नगरपालिका,वार्ड नं ११,मधुरी जब्दी में अवस्थित संत भिनकराम के समाधि स्थल पर माल्यार्पण कइलें,
भाषा आयोग के अध्यक्ष -डा.गोपाल ठाकुर
सदस्य –श्री गोपाल अश्क जी
प्रज्ञा प्रतिष्ठान सदस्य -उपेन्द्र सहनी जी
भोजपुरिया माटी के संपादक –श्री रामप्रसाद साह जी,
उपसंपादक –सुरेन्द्र प्रसाद गिरि
गोपाल सेवा समिति अध्यक्ष – श्री जंग बहादुर यादव जी,
एवं बुद्धिजीवी वर्ग, पत्रकार, साहित्यकार, समाजसेवी आ मधुरी जब्दी के तमाम श्रद्धालु जनता —–!
हार्दिक श्रद्धा सुमन बाबा भिनकराम के
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संत भिनकराम अनेक किताबन में,
बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना से प्रकाशित किताब ‘भोजपुरी के कवि और काव्य (दुर्गा शंकर प्रसाद सिंह) से लिहल भिनकराम के रचना के अंश —
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आगि लागे बनवा जरे परबतवा,
मोरे लेखे हो साजन जरे नइहरवा।
आवऽआवऽ बभना बइठु मोरा अँगना,
सोचि देहु ना मोरा गुरु के अवनवा।
जिन्हि सोचिहें मोरा गुरु के अवनवा,
तिन्हें देबो ना साजन ग्यान के रतनवा।
नैना भरि कजरा लिलार भरि सेनुरा ,
मोरा लेखे सतगुरू भइले निरमोहिया।
सिरि भिनकराम स्वामी गावले निरगुनवा,
धाई धरबो हो साधु लोग के सरनवा।
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